कृष्ण की चेतावनी - रामधारी सिंह 'दिनकर'
बाधा विघ्नों
को चूम चूम|
सह धूप घाम
पानी पत्थर,
पांडव आये
कुछ और निखर|
सौभाग्य
न सब दिन होता है,
देखें आगे
क्या होता है|
मैत्री की
राह दिखाने को'
सब को सुमार्ग
पर लाने को|
दुर्योधन
को समझाने को,
भीषण विध्वंस
बचाने को|
भगवान हस्तिनापुर
आए,
पांडव का
संदेशा लाये|
दो न्याय
अगर तो आधा दो,
पर इसमें
भी यदि बाधा हो|
तो दे दो
केवल पाँच ग्राम,
रखो अपनी
धरती तमाम|
हम वहीँ
खुशी से खायेंगे,
परिजन पे
असी ना उठाएंगे|
दुर्योधन
वह भी दे ना सका,
आशीष समाज
की न ले सका|
उलटे हरि
को बाँधने चला,
जो था असाध्य
साधने चला|
जब नाश मनुज
पर छाता है,
पहले विवेक
मर जाता है|
हरि ने भीषण
हुँकार किया,
अपना स्वरूप
विस्तार किया|
डगमग डगमग
दिग्गज डोले,
भगवान कुपित
हो कर बोले|
जंजीर बढ़ा
अब साध मुझे,
हां हां
दुर्योधन बाँध मुझे|
ये देख गगन
मुझमे लय है,
ये देख पवन
मुझमे लय है|
मुझमे विलीन
झनकार सकल,
मुझमे लय
है संसार सकल|
अमरत्व फूलता
है मुझमे,
संहार झूलता
है मुझमे|
भूतल अटल
पाताल देख,
गत और अनागत
काल देख|
ये देख जगत
का आदि सृजन,
ये देख महाभारत
का रन|
मृतकों से
पटी हुई भू है,
पहचान कहाँ
इसमें तू है|
अंबर का
कुंतल जाल देख,
पद के नीचे
पाताल देख|
मुट्ठी में
तीनो काल देख,
मेरा स्वरूप
विकराल देख|
सब जन्म
मुझी से पाते हैं,
फिर लौट
मुझी में आते हैं|
जिह्वा से
काढती ज्वाला सघन,
साँसों से
पाता जन्म पवन|
पर जाती
मेरी दृष्टि जिधर,
हंसने लगती
है सृष्टि उधर|
मैं जभी
मूंदता हूँ लोचन,
छा जाता
चारो और मरण|
बाँधने मुझे
तू आया है,
जंजीर बड़ी
क्या लाया है|
यदि मुझे
बांधना चाहे मन,
पहले तू
बाँध अनंत गगन|
सूने को
साध ना सकता है,
वो मुझे
बाँध कब सकता है|
हित वचन
नहीं तुने माना,
मैत्री का
मूल्य न पहचाना|
तो ले अब
मैं भी जाता हूँ,
अंतिम संकल्प
सुनाता हूँ|
याचना नहीं
अब रण होगा,
जीवन जय
या की मरण होगा|
टकरायेंगे
नक्षत्र निखर,
बरसेगी भू
पर वह्नी प्रखर|
फन शेषनाग
का डोलेगा,
विकराल काल
मुंह खोलेगा|
दुर्योधन
रण ऐसा होगा,
फिर कभी
नहीं जैसा होगा|
भाई पर भाई
टूटेंगे,
विष बाण
बूँद से छूटेंगे|
सौभाग्य
मनुज के फूटेंगे,
वायस शृगाल
सुख लूटेंगे|
आखिर तू
भूशायी होगा,
हिंसा का
पर्दायी होगा|
थी सभा सन्न,
सब लोग डरे,
चुप थे या
थे बेहोश पड़े|
केवल दो
नर न अघाते थे,
ध्रीत्रास्त्र
विदुर सुख पाते थे|
कर जोड़
खरे प्रमुदित निर्भय,
दोनों पुकारते
थे जय, जय|
अगर आप भी
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